गीता ज्ञान एक महत्वपूर्ण ज्ञान है जो कि काल ब्रह्म ने दिया। गीता ज्ञान दाता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयम अर्जुन को ज्ञात करवाता है कि वो काल और और इस वक्त यहाँ सब को नष्ट करने के लिए प्रवृत हुआ है। अर्जुन भी उस काल को देख कर काँपने लग जाता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सभी संतों का ऐसा मानना है कि गीता ज्ञान श्री कृष्ण जी ने दिया। इसी को आधार मान कर उन संतों ने गीता के अर्थ का अनर्थ कर दिया और गीता के रहस्य को नहीं जान पाये। संत रामपाल जी महाराज एक तत्वदर्शी संत हैं जिन्होंने इस ज्ञान को पुर्नतह सुलझा कर भक्त समाज के सामने प्रस्तुत किया है।
नीचे कुछ श्लोक दिये हैं जो कि गीता के रहस्य को उजागर करते हैं। कृपया ज्ञान ग्रहण कीजिये।
गीता ज्ञान दाता ने स्वयम को नाशवान बताया है
गीता ज्ञान दाता ने गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने आप को नाशवान यानि जन्म-मरण के चक्र में सदा रहने वाला बताया है